Saturday, November 16, 2013

गिजु भाई जयन्ती

गिजु भाई की जयन्ती पर उनको शत शत नमन



गिजुभाई जन्मदिवस

15 नवम्बर 1885

गिजुभाई के जन्मदिवस

 पर सभी बालस्नेही

 शिक्षकों, अभिभावकों 

को हार्दिक शुभकामनाएं

प्रसिद्ध बालशिक्षाशास्त्री, बालशिक्षा

 व बालअधिकारों के लिए

 सतत संघर्ष करने वाले

 गिजुभाई को प्राथमिक शिक्षा के

 प्रथम प्रयोग पुरुष,

 भविष्य की पीढ़ी के निर्माता आदि

 के

 रुप में जाना जाता है। साथ ही साथ

 उनके बालक के प्रति 

वात्सल्य पूर्ण विचारों एवं 

गाँधी जी के दर्शन को शिक्षा में

 समावेशित करने के

 कारण उन्हे मूंछो वाली माँ तथा

 बालकों के गाँधी कहकर

 भी पुकारा जाता है।

गिजुभाई का बालदर्शन

गिजुभाई का बालदर्शन


गिजुभाई बालकों को एक वृक्ष की तरह मानते थे। जिस प्रकार वृक्ष 

की जड़ों की सही देखभाल से वृक्ष स्वस्थ और सुन्दर बनता है, वैसे 

ही बालकों में वे भविष्य का एक हरा-भरा, सुन्दर और स्वस्थ वृक्ष के 

दर्शन करते थे।- वे कहते हैं-


''जड़ो को संभालें।


फूलों में खुशबू नहीं, कलियाँ पूरी खिलती नहीं। पत्ते मुरझा गए हैं, 

डालियाँ टेढ़ी-मेढ़ी है। तने की छाल झड़ गर्इ हैं।


क्या हम फूलों में खुशबू उँड़ेलेंगे ? अपने हाथों से कलियों को खोलेंगे 

? पत्तों की कोरों को सुधारकर दुरस्त केंगे ? उन पर रंग चढ़ाएँगे ? 

डालियों को बढ़र्इ से छिलवाकर इकसार कराएँगे ? तने की छाल को 

न खिरने देने के लिए तार से या धागे से बाधेंगे ?


पर ऐसा करने से क्या वृक्ष अच्छा हो जाएगा ? नहीं! तब क्या करना 

चाहिए ? करना तो चाहिए कि वृक्ष की जड़ों को सँभाले। सड़ी हुर्इ 

मिटटी दूर होगी ; तभी वृक्ष नए सिरे से फूल-फल सकेगा।

मनुष्य रुपी वृक्ष को विकसित करने के लिए भ्ी क्या उसकी जड़ों के 

पास नहीं जाना चाहिए ?


आइए हम बालक को सुदृढ़ और स्वस्थ बनाएँ।


वृक्ष को विकसित करने के लिए भ्ी क्या उसकी जड़ों के पास नहीं 

जाना चाहिए ?


आइए हम बालक को सुदृढ़ और स्वस्थ बनाएँ।
http://shikshavimarsh.blogspot.in/2011/11/blog-post_22.html

Saturday, November 2, 2013

शुभ दीपावली



शुभ दीपावली

                                 आप सबको


दीपावली 

की हार्दिक शुभकामनाएं । 


रोशनी और खुशी के इस

 पावन पर्व पर ईश्वर

आपकी सारी मनोकामनाएँ

पूरी करे

और

घर में सुख सम्पन्नता बरसाए