मित्रता जिनके लिए व्यापार है,
स्वार्थ जिससे सिद्ध हो, वह यार है.
सामने जो बस उसी से प्यार है,
दूर जो वह 'शाम का अखबार' है.
मित्रता का यह नया अवतार है,
आह ! ऐसी मित्रता ? धिक्कार है !
-------- Nagesh Pandey Sanjay
कुछ भी कहना खतरे से खाली नहीं
-------प्रांजल धर | |
|