प्रसिद्ध बालशिक्षाशास्त्री, बालशिक्षा व बाल अधिकारों के लिए सतत संघर्ष करने वाले
गिजु भाई जी
की जयन्ती (15 नवम्बर 1885) पर उनको सादर शत शत नमन
गिजुभाई को प्राथमिक शिक्षा के प्रथम प्रयोग पुरुष के रुप में जाना जाता है। साथ ही साथ उनके बालक के प्रति वात्सल्य पूर्ण विचारों एवं गाँधी जी के दर्शन को शिक्षा में समावेशित करने के कारण उन्हे मूंछो वाली माँ तथा बालकों के गाँधी कहकर भी पुकारा जाता है।
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