ईश्वर ही अपना साथी
समझो मत अधिकार किसी पर अपना फर्ज निभाते जाओ
चाहो मत प्रतिदान किसी से जो कुछ पास लुटाते जाओ
मन को जितना करोगे छोटा दुख उतना बढता जायेगा
एक पल आयेगा फिर ऐसा फिर तू अकेला रह जायेगा
जो भी दोगे वही मिलेगा सोच समझ के कदम उठाओ
समझो मत अधिकार किसी पर अपना फर्ज निभाते जाओ
बनजारे की तरह रहो तुम मोह किसी से मत तुम करना
उजड जायेगा डेरा पल मे आगे अभी सफर है करना
सब हैं तुम्हारे कोई ना तुम्हारा राधे राधे करते रहना
साथ छोड जायें कब साँसे साँसो का विश्वास ना करना
एकमात्र ईश्वर ही अपना साथी उससे ही मन लगाओ
समझो मत अधिकार किसी पर अपना फर्ज निभाते जाओ
------- चंद्र किशोर मिश्र
समझो मत अधिकार किसी पर अपना फर्ज निभाते जाओ
चाहो मत प्रतिदान किसी से जो कुछ पास लुटाते जाओ
मन को जितना करोगे छोटा दुख उतना बढता जायेगा
एक पल आयेगा फिर ऐसा फिर तू अकेला रह जायेगा
जो भी दोगे वही मिलेगा सोच समझ के कदम उठाओ
समझो मत अधिकार किसी पर अपना फर्ज निभाते जाओ
बनजारे की तरह रहो तुम मोह किसी से मत तुम करना
उजड जायेगा डेरा पल मे आगे अभी सफर है करना
सब हैं तुम्हारे कोई ना तुम्हारा राधे राधे करते रहना
साथ छोड जायें कब साँसे साँसो का विश्वास ना करना
एकमात्र ईश्वर ही अपना साथी उससे ही मन लगाओ
समझो मत अधिकार किसी पर अपना फर्ज निभाते जाओ
------- चंद्र किशोर मिश्र