शिक्षा विमर्श Shiksha Vimarsh
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Wednesday, July 24, 2019
सुप्रभात
देख मुश्किलें पाषाण सी आँखे न बंद कीजिये
चहुँ ओर से आप अपनी राहें न बंद कीजिये
विश्वास हो अगर खुद पे तो मिल जाएगी मंज़िल
आशा के दीप की कभी किरणे न बंद कीजिये
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रेखा जोशी
चंद्रशेखर 'आज़ाद' --- श्रीकृष्ण सरल
आजाद, देश की आजादी का वह रहस्य,
जिसने जाना, वह बना देश का दीवाना।
जो जान न पाया, उस कृतघ्न का क्या कहना,
है अर्थहीन उसका जग में आना-जाना।
आजाद प्रेरणा-स्रोत अमर हर पीढ़ी का,
धरती की आजादी प्राणों से प्यारी हो।
यौवन अंगारों से अपना शृंगार करे,
हर फूल वज्र, हर कली कराल कटारी हो।
(रचनाकार - श्रीकृष्ण सरल
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