आजाद, देश की आजादी का वह रहस्य,
जिसने जाना, वह बना देश का दीवाना।
जो जान न पाया, उस कृतघ्न का क्या कहना,
है अर्थहीन उसका जग में आना-जाना।
आजाद प्रेरणा-स्रोत अमर हर पीढ़ी का,
धरती की आजादी प्राणों से प्यारी हो।
यौवन अंगारों से अपना शृंगार करे,
हर फूल वज्र, हर कली कराल कटारी हो।
(रचनाकार - श्रीकृष्ण सरल
No comments:
Post a Comment