Wednesday, July 24, 2019


सुप्रभात

देख मुश्किलें पाषाण सी आँखे न बंद कीजिये
चहुँ ओर से आप अपनी राहें न बंद कीजिये
विश्वास हो अगर खुद पे तो मिल जाएगी मंज़िल 
आशा के दीप की कभी किरणे न बंद कीजिये
-------- रेखा जोशी







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