Thursday, November 15, 2012

गिजुभाई .. बालकों का युग


            गिजुभाई ..  बालकों का युग
                    गिजुभाई बालकों के हृदय की गहराइयों को माप सकने वाले भारतीय शिक्षाविद् थे। तत्कालीन समय में परम्परा और रुढि़ग्रस्त भारतीय समाज में बालक की महिमा को प्रतिष्ठिता करने वाले वे पहले व्यक्ति थे। उनका मानना था कि बालक को प्रेम करने की क्षमता अर्जित करने पर ही हम सुखी और समृद्ध समाज की कल्पना कर सकते हैं। नये समाज की कल्पना का यह सूत्र हमें आज भी उद्धेलित करता है-
‘‘नागों की पूजा का युग बीत चुका है।
प्रेतों की पूजा का युग बीत चुका है।
पत्थरो की पूजा का युग बीत चुका है।
              मानवों की पूजा का युग बीत चुका है। 
अब तो बालकों की पूजा का युग बीत चुका है।
बालकों की सेवा ही उनकी पूजा है।
नये युग का निर्माण कौन करेगा ?
जनजीवन के प्रवाह को कौन अस्खलित बनाये रखेगा ?
आने वाले युग का स्वामी कौन होगा ?
                             बेशक बालक ही।

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