विजय तु़मारी होगी
विजय तु़मारी होगी
मंजिल मिलने से पहले पथ के काटे तो होंगे ही,,
फसलो के उगने से पहले सीने पे हल तो होंगे ही,
नयी कोपले आने तक पतझड़ की पीड़ा तो होगी ही,
ये जीवन सच है तो इसकी क्रीडा होगी ही,
हार नहीं मानी गर मन ने तो विजय तु़मारी होगी ही
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